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Showing posts from October, 2017
Gyani Pandit Ji - Devuthani Ekaadashi Story
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देवउठनी एकादशी की ये व्रत कथाएं आपने नहीं पढ़ी होंगी... एक राजा था। उसके राज्य में प्रजा सुखी थी। एकादशी को कोई भी अन्न नहीं बेचता था। सभी फलाहार करते थे। एक बार भगवान ने राजा की परीक्षा लेनी चाही। भगवान ने एक सुंदरी का रूप धारण किया तथा सड़क पर बैठ गए। तभी राजा उधर से निकला और सुंदरी को देख चकित रह गया। उसने पूछा- हे सुंदरी! तुम कौन हो और इस तरह यहां क्यों बैठी हो? तब सुंदर स्त्री बने भगवान बोले- मैं निराश्रिता हूं। नगर में मेरा कोई जाना-पहचाना नहीं है, किससे सहायता मांगू? राजा उसके रूप पर मोहित हो गया था। वह बोला- तुम मेरे महल में चलकर मेरी रानी बनकर रहो। सुंदरी बोली- मैं तुम्हारी बात मानूंगी, पर तुम्हें राज्य का अधिकार मुझे सौंपना होगा। राज्य पर मेरा पूर्ण अधिकार होगा। मैं जो भी बनाऊंगी, तुम्हें खाना होगा। राजा उसके रूप पर मोहित था, अतः उसने उसकी सभी शर्तें स्वीकार कर लीं। अगले दिन एकादशी थी। रानी ने हुक्म दिया कि बाजारों में अन्य दिनों की तरह अन्न बेचा जाए। उसने घर में मांस-मछली आदि पकवाए तथा परोसकर राजा से खाने के लिए कहा। यह देखकर राजा बोला-रानी! आज एकादशी...
Gyani Pandit Ji - How to do Bhoomi Pujan
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घर निर्माण में नींव पूजन की विधि:- नींव भवन की मजबूती का आधार होती है। नींव की खुदाई के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें। शुभ माह, शुभ तिथि, शुभ नक्षत्र, शुभ दिशा, शुभ लग्न का निर्णय करके ही निर्माण कार्य शुरु करें। नींव भवन की मजबूती का आधार होती है। नींव की खुदाई के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें। शुभ माह, शुभ तिथि, शुभ नक्षत्र, शुभ दिशा, शुभ लग्न का निर्णय करके ही निर्माण कार्य शुरु करें। नींव की खुदाई भूमि पूजन के बाद नींव की खुदाई ईशान कोण से ही प्रारंभ करें। ईशान के बाद आग्नेय कोण की खुदाई करें। आग्नेय के बाद वायव्य कोण, वायव्य कोण के बाद नैऋत्य कोण की खुदाई करें। कोणों की खुदाई के बाद दिशा की खुदाई करें। पूर्व, उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में क्रम से खुदाई करें। नींव की भराई नींव की भराई, नींव की खुदाई के विपरीत क्रम से करें। सबसे पहले नेऋत्य कोण की भराई करें। उसके बाद क्रम से वायव्य, आग्नेय, ईशान की भराई करें। अब दिशाओं में नींव की भराई करें। सबसे पहले दक्षिण दिशा में भराई करें। अब पश्चिम ,उत्तर व पूर्व में क्रम से भराई करें। नींव पूजन में कलश स्थापना नींव पूजन में तां...
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Ganesh Puja Ganapathy puja is performed before any venture is started. Ganesha is revered as the son of the Shiva and Parvati, and is always honored first in most worship services and rituals.Myths about Lord Ganesha, Names of Lord Ganesha and How to do Ganesh Puja. Durga Puja In Sanskrit, Durga means 'She who is incomprehensible or difficult to reach'. Durga represents the Divine Mother and she is the energy aspect of the Lord. Durga Puja is the greatest Hindu festival celebrated in various parts of India in different styles in which God is adored as Mother.Ritual Practice, Foodstuff, Sweets offered for Durga,Durga Puja Fast. Bhoomi Pujan Bhoomi Puja is a ceremony performed to inaugurate a new site for the construction of a home or building. This ceremony is conducted in strict conformance to Vaastu Shastra, the ancient Indian science of structures and architecture. Bhoomi Puja is usually carried out in the morning, which is considered most ...